October 6, 2025

कार्तिक महीने की चतुर्दशी एवं पूर्णीमा दो दिनो तक श्राद्ध पक्षी रखा जाता है!

धुलकोट –> भील समाज द्वारा कार्तिक चतुर्दशी एवं पूर्णीमा पर प्रतिवर्ष अपने पितरो के लिए श्राद्धपक्ष रखे जाते है! भील समाज द्वारा चतुर्दशी के दिन अपने अपने घरो मे विधी विधान के साथ अपने पूर्वजो की पूजाकर उन्हे भोग लगाया जाता है! उसके अगले दिन पूर्णीमा पर भी इसी तरह की पूजापाठ कर दोपहर मे दो दिनी श्राद्ध कर्म तर्पण व पिंडदान किया जाता है! भील समाज द्वारा श्राध्दो का तर्पण धुलकोट पंधाना रोड़ स्थित सुक्ता नदी के बीच स्थित पवित्र तीर्थ भीमकुंड मे किया जाता है! भील समाज के प्रदेश अध्यक्ष संतोष दांगोडे़ ने जानकारी देते हुए बताया की! कार्तिक महीने की चतुर्दशी एवं पूर्णीमा दो दिनो तक श्राद्ध पक्षी रखा जाता है! पूर्णीमा पर श्राद्ध पक्ष के तर्पण पर सुक्ता नदी स्थित भीमकुंड पर खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन सहित अन्य स्थान से भी भील समाजजन अपने पितरो का तर्पण करने कोई नंगे पैर पैदल तो कोई अन्य साधनो से पहूंचते है! यहां पर भील समाजजन पहले भीमकुंड स्थित शिव मंदिर पर पूजा अर्चना करते है उसके बाद कुंड मे श्राद्धो का विसर्जन करते है! भील समाज के श्राद्ध पक्षी पर सुक्ता नदी स्थित प पवित्र भीमकुंड पर दो दिवसीय मेले का भी अयोजन होता मेले मिठाईयां कपड़े फोटो स्टूडियो सहित अन्य दुकाने भी लगती है मेले मे हजारो लोग पहुंचते है और श्राद्धो का तर्पण मेले का आनंद लेते है यहां के किवदंती कहते है की सुक्ता नदी स्थित पवित्र भीमकुंड की मान्यता महाभारत कालीन है! सुक्ता नदी स्थित भीमकुंड की गहराई इतनी है की इस कुंड मे एक खटिया गुथने मे जितनी रस्सी लग जाती है लेकिन कुंड की गहराई का थाह नही ले सकते है! साथ ही किवदंतीयो का यह भी कहना है की सैकड़ो वर्ष पहले जब किसी परिवार मे शादी ब्याह मृत्यभोज जैसे कार्यक्रम होते थे जब इन लोगो के पास खाना बनाने के बर्तन नही होते थे तो यह लोग भीमकुंड पर नारियल फोड़ एवं पूजा पाठ करते थे तो भीमकुंड मे पानी की गहराई से खाना बनाने के बर्तन निकल आते थे! फिर यह लोग बर्तन लेकर अपना काम कर बर्तन को वापस कुंड मे डाल देते थे और यह कुंड महाभारत कालीन बताया जाता है! सोमवार के दिन भी सुक्ता नदी स्थित पवित्र तीर्थधाम भीमकुंड पर भील समाज द्वारा अपने पितरो का तर्पण किया! और इस अवसर पर यहां पर मेला भी लगा था लेकिन खराब मौसम के चलते मे ज्यादा लोग नही पहूंचे थे! सुक्ता नदी स्थित भीमकुंड का आधा हिस्सा धुलकोट पुलीस चौकी के अंतर्गत आता है तो आधा हिस्सा पंधान पुलिस थाने के अंतर्गत आता है! सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से धुलकोट पुलीस चौकी प्रभारी सुरेंद्र सिह राजपूत मेले समापन तक मौजूद रहे वही खंडवा जिले के पंधाना थाना क्षेत्र से भी पुलीस विभाग मौजूद रहा!